Sunday, May 13, 2012

इशकजादे:कमजोर कथा, बेहतरीन निर्देशन,नायाब अदाकारी

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क्लाइमैक्स में जैसे ही कैमरा खानदानी दुश्मनी को भूलकर एक हुए दो समुदायों पर घूमता है, सितारों द्वारा दी गई अभिव्यक्ति जहां उनकी परिपक्वता को दर्शाती है वहीं निर्देशक हबीब फैजल की सिनेमाई पकड को सिद्ध करती है। इसी दृश्य में नायिका ने जिस अंदाज में अपने आप को कैमरे के सामने पेश किया उसने दर्शकों के जेहन में श्रीदेवी की यादों को ताजा किया। हबीब फैजल ने आदित्य चोपडा के लिए बतौर लेखक तीन फिल्में लिखी थी लेकिन यह तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। Read More

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