फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑफीसियर डी ला लेगियॉन" से सम्मानित भारतीय संगीत की सबसे सम्मानित महिलाओं में से एक लता मंगेशकर का कहना है कि उम्र के साथ वे जवान हो रही हैं।
फ्रांस सरकार की ओर से यहां कल शाम आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद लता ने कहा, "पिछले सितंबर में मैं 81 साल की हो गई, लेकिन दिल से मैं जवान हूं और इसीलिए मैंने संख्या को उलटा कर दिया है। मैं खुद को 18 साल की महसूस करती हूं।"
उन्होंने कहा, फ्रांस और भारत ने भाईचारे, समानता व स्वतंत्रता जैसे मूल्यों का समर्थन किया है। मैं फ्रांस सरकार का उनके सबसे ब़डे सम्मान से मुझे नवाजे जाने के लिए शुक्रिया अदा करती हूं।
Thursday, December 3, 2009
मैं खुद को 18 वर्ष का महसूस करती हूं: लता मंगेशकर
Friday, November 13, 2009
दस साल और खेले सचिन : लता
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहने वाली सुर सामाज्ञी लता मंगेशकर की ख्वाहिश है कि यह चैपियन बल्लेबाज सिर्फ 2011 विश्व कप ही नही बल्कि अगले 10 साल कि और खेलता रहे और विश्व कप जीतने का अपना सपना जरूर पूरा करेंगे।
अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरे करने वाले तेंदुलकर की मुरीद लता ने कहा "मै चाहती हूं कि सचिन विश्व कप जीते और 2011 विश्व कप ही नही बल्कि अब तक अच्छा खेल रहा है, खेलता रहे। अभी उसके भीतर काफी क्रिकेट बची है।" हमारे देश में पता नहीं क्यो रिटायरमेंट की बाते समय से पहले ही होने लगती है जबकि वह अच्छा खेल रहा है। मुझे सचिन की आलोचना बिल्कुल पसंद नहीं है। एकाध मैच में रन नहीं बनने पर सभी उनके पीछे प़ड जाते है। कभी कभार हमारा भी कोई गाना नहीं चलता तो कोई सुपर हिट हो जाता है। लेकिन इसके मायने यह तो नहीं कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिये।
अपने क्रिकेट प्रेम के लिए मशहूर लता ने कहा "हमे उसका हौसला बढाना चाहिए कि वह अपने प्रशंसकों के लिए खेलता रहे। हम उसके साथ है। इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट की दुनिया का हर रिकार्ड उनके नाम होगा" उन्होंने सचिन को अपना गीत आकाश के उस पार आकाश और भी है। समर्पित करने हुए कहा सचिन ने इतने रिकार्ड बना लिए है कि शायद ही कोई तोड पाये। मेरा उससे यही कहना है कि आकाश के उस पार आकाश और भी है और अभी उसे कामयाबी की कई दास्ताने लिखनी है।
पूछने पर कि क्या वह सचिन को दुनिया का नंबर वन क्रिकेटर मानती है, लता ने कहा जब डान बैडमेल ने उसकी काबिलियत को मान लिया तो मै क्या हूं। बैडमेन को सचिन में अपना अक्स अक्सर नजर आता था। इससे बडी तारीफ और क्या हो सकती है जो ना कभी किसी को मिली है और ना मिलेगी।