Friday, July 15, 2011

खतरनाक है इमोशनल अफेयर

आज की जीवनशैली मे व्यापक परिवर्तन आ चुका है, सोच एवं आचरण मे पहले की तरह सादगी नही रह गयी है। हर कोई रेस लगा रहा है,काम के घंटे इतने बढ गये है कि पति-पत्नी घर पर कम ऑफिस मे ज्यादा वक्त गुजारने लगे हैं। समय की कमी और पार्ट्नर की अनुपस्थिति की वजह से जब सहकर्मियों से अपने दिल की बाते शेयर होने लगती है तब जाने अंजाने भावनात्मक संबंध पनपने के रास्ते खुल जाते है। सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों लोग अपनी शादी को दांव पर लगा कर भावनात्मक रूप से कसी और के साथ जु़ड जाते हैं।
उन्हे अपना भावनात्मक सुख बाहर तलाशने की जरूरत क्यों पड जाती है? इमोशनल अफेयर इसलिए पनप उठते है, क्योकि दंपत्ति अपने वैवाहिक जीवन मे कुछ कमी महसूस करते है, स्त्री समझती है कि पति उस की बात नहीं सुनता और पुरूष समझता है कि पत्नी उस की परेशानियों को नही समझ पाती और बेवजह ताने देती है। इस कारण वे भावनात्मक असुरक्षा महसूस करने लगते हैं और अपने पार्ट्नर से अपेक्षा करते हैं कि वह उनके दिल की बात सुने और भावनात्मक सहारा दे,जब ऎसा नही हो पाता तो वे अपनी मानसिक संतुष्टि की तलाश अपनी वैवहिक परिधि के बाहर करने लगते है और किसी न किसी से भावनात्मक संबंध बना लेते हैं।
ऎसी स्थति मे जब आप किसी के साथ 8-10 घंटे काम करते है और समतुल्य लक्ष्य एवं तनाव का सामना करते है तो आप यह महसूस करने लगते है की वह व्यक्ति आपको आपके पार्ट्नर से बेहतर समझता है। लेकिन ऎसा जरूरी नही होता है। अक्सर होता यह है की आप अपने साथी से संवाद के सारे रास्ते बंद कर लेते हैं और यह अपेक्षा करते है कि वह बिना बोले आप की बात समझे जो की संभव नही होता है। असल मे जो लोग इमोशनल अफेयर करते है ,वे असुरक्षा के एहसास मे जीते है। उन्हें प्यार की नही ,बल्कि ऎसे साथी की तलाश होती है जिस की नजर में वे पर्फेक्ट हो और जो उनकी कमियां उन्हें ना दिखाए, वैवाहिक जीवन मे अपेक्षा भी होती है, नोंक-झोंक भी होती है और एक दूसरे को आईना दिखाने की भरपूर गुंजाइश भी होती है।
इसके ठीक विपरीत अपने प्रेमी/ प्रेमिका से उन्हे वही प्रतिक्रिया मिलती है जो वो सुनना चाहते है, जाहिर सी बात है की यथार्थ के रेगिस्तान मे प्रशंसा और सहानुभूति की मर्गमरीचिका ही भली लगती है, चाहे वह सच न हो। नतीजन वे जीवन साथी की अपेक्षा प्रेमी/ प्रेमिका को ज्यादा अहमियत देने लगते हैं और दोस्ती से हुई शुरूआत कब अफेयर मे बदल जाती है और साधारण बातें करते करते दो लोग कब एक दूसरे के राजदार बन जाते हैं यह उन्हे खुद ही पता नही चल पाता है। यहाँ सबसे अधिक ध्यान देने की बात यह है कि जरूरत शारीरिक नहीं भावनात्मक है। कई लोग यह मानने को तैयार ही नही होते हैं कि किसी और के साथ भावनात्मक जुडाव मे कोई हानि है, उनका कहना है की धोखा तो तब होता है जब शारीरिक संबंध स्थापित किए जाएं,लेकिन सच तो यह है की धोखा आखिर धोखा है। शादी एक ऎसा रिश्ता है जो तन और मन दोनों का समर्पण मांगता है।
यह कैसे संभव है कि आप अपनी भावनात्मक जरूरत किसी और से पूरी करे और शरीर से किसी और के रहेक? किसी भी विवाह में ऊष्मा तब तक ही बरकरार रह सकती है जब तक पति-पत्नी एक दूसरे का भावनात्मक सहारा हैं। ज्यादातर इमोशनल अफेयर मासूम, साधारण सी दिखने वाली दोस्ती से शुरू होते हंै। समस्या तब आती है जब दोस्ती अंतरंगता का रूप ले लेती है, अफेयर करने वाले स्त्री-पुरूष बजाय अपने जीवन साथी के, एक-दूसरे से बाते शेयर करने लगते हैं और साथ ही वे यह कोशिश भी करते हंै कि जीवन का यह पहलू साथी से छिपा रहे। अगर यह महज एक दोस्ती है तो इसे छुपाने की क्या आवश्यकता हैक् इमोशनल अफेयर का होना शादी के लिए खतरे की घंटी बजने जैसा है। इसका अर्थ है की पति-पत्नी अपनी शादीशुदा जिंदगी मे कुछ कमी महसूस कर रहे हंै, जिसकी पूर्ति के लिए विवाहेत्तर संबंध बन रहे हैं। दंपत्ति यदि वक्त रहते सावधान हो जाएं और अपने साथी से ही अपनी भावनात्मक आवश्यकताएं पूरी करे तो इमोशनल अफेयर की कोई गुंजाईश ही ना हो।
ऎसे दंपत्तियो को समझना चाहिए की विवाह की संस्था को कमजोर नही होती है, याद रखिए कोई भी अफेयर आपको क्षणिक उत्तेजना दे सकता है, लेकिन आप के जीवन को स्थायित्व आपका साथी ही दे सकता है। कुछ बातों का ध्यान रखें तो गुमराह होने की नोबत कभी नही आएगी और आपका वैवाहिक बंधन अटूट ही रहेगा। अत: यह बहुत जरूरी है की आप रोज अपने साथी से बात करने के लिए वक्त निकाले, बात करने से अर्थ है कि उससे अपनी भावनाएं व्यक्त करे,सब कुछ शेयर करे ,काम का तनाव,अपनी इच्छाएं, अपने सपने, अपने डर, सब कुछ। प्रतिक्रिया की चिंता मत कीजिए, यकीन मानिए आप का साथी आपकी सोच को सही दिशा देगा। आप की खामियों के साथ-साथ आप को खूबियों से भी अवगत कराएगा। यह ध्यान रखिए की कपल्स के बीच पसरा मौन ही उन्हे किसी दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुडने को उकसाता है ,अगर ऎसा आप के साथ भी हो रहा है तो साथी से सभी प्रकार की बातों को शेयर करें, संबंधो के प्रति ईमानदार रहे और देखें की कैसे आप एक दूसरे के दामन से बंधे रहते हंै।

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