Thursday, November 3, 2011

क्या तोड पाएगी “रॉ-वन” “बॉडीगार्ड” का रिकॉर्ड

वर्ष 2011 की दीपावली भारतीय फिल्म उद्योग के इतिहास में सर्वाधिक चर्चा का विषय बन गई है। इस दीपावली की चर्चा बॉलीवुड में सबसे ज्यादा इसलिए हो रही है कि अभिनेता शाहरूख खान द्वारा बनाई गई भारतीय सिनेमा इतिहास की सर्वाधिक महंगी फिल्म “रॉ-वन” का प्रदर्शन होने जा रहा है। इस फिल्म पर शाहरूख खान ने लगभग 150 करोड रूपया लगाया है। “रॉ-वन” को शाहरूख खान ने पूरी तरह से भारत में फिल्माया है। उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग के लिए विदेशों से महंगे उपकरणों को मुम्बई के स्टूडियो में लगवाया।
हॉलीवुड को टक्कर देने के लिए उन्होंने मुम्बई में ऑस्कर विजेता फिल्म “अवतार” की तकनीकी टीम को अपने यहाँ बुलाकर उनकी देखरेख में तकनीकी दृश्यों का फिल्मांकन किया है। “रॉ-वन” की इस समय चारों ओर धूम है। हर चैनल, वेबसाइट्स और अखबारों में “रॉ-वन” के जरिये शाहरूख छाए हुए हैं।
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बॉलीवुड के तमाम विशेषज्ञों के साथ आम आदमी भी यह जानने के लिए उत्सुक है कि हिन्दी फिल्म इतिहास की सबसे महंगी फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन रहेगा। क्या ये अपनी लागत वसूल कर पाएगी। फिल्म का बजट कितना है, कितना पैसा बहाया जा चुका है, इसका जवाब आज शाहरूख खान भी नहीं दे सकते हैं, लेकिन एक मोटा अनुमान लगाया जा सकता है कि निर्माण और पब्लिसिटी पर 150 करोड रूपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। हाल ही में सुपरहिट हुई फिल्में “बॉडीगार्ड”, “दबंग” और “रेडी” भी सुपरहिट होने के बावजूद इतनी राशि नहीं जुटा पाई। यदि “रॉ-वन” को सफलता हासिल करनी है तो 150 करोड रूपये से ज्यादा कमाना होंगे, तभी मुनाफा होगा। सुपरहिट का ठप्पा लगवाना हो तो दो सौ करोड रूपये से ज्यादा का व्यवसाय करना होगा। शाहरूख खान भी यह बात अच्छी तरह जानते हैं। वे जितने अच्छे अभिनेता हैं उससे कहीं ज्यादा अच्छे बिजनेसमैन हैं। अपनी ब्रांड वैल्यू किस तरह भुनाना है ये बात उनसे बेहतर भला कौन जानता है। अपने नाम का जितना दोहन वे करते हैं बॉलीवुड के दूसरे अभिनेता उसका आधा भी नहीं कर पाते।
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शाहरूख केवल सिनेमाघर के बिजनेस पर ही निर्भर नहीं हैं। फिल्म के रिलीज होने के पहले ही उन्होंने अच्छी खासी रकम वसूल ली है। फिल्म का बजट यदि हम 150 करोड रूपये मान ले तो शाहरूख ने 40 करोड रूपये सैटेलाइट राइट्स से वसूले हैं। 25 कम्पनियों से करार किया है जिनके प्रोडक्ट और “रॉ-वन” का ट्रेलर साथ मिलाकर दिखाया जाएगा। उन्हें फिल्म के प्रचार में महत्व दिया जाएगा। इसके बदले में शाहरूख की कम्पनी को 52 करोड रूपये मिले हैं। म्यूजिक राइट्स 8 करोड रूपये में बिके हैं। इनका जोड होता है 100 करोड रूपये।
शाहरूख की कई फिल्मों ने विदेश में अच्छी सफलता हासिल की है। इन फिल्मों की सफलता को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि “रॉ-वन” 40 से 50 करोड रूपये की कमाई करेगी। यदि इस कमाई को 40 करोड भी मान लिए जाए तो कुल योग होता है 140 करोड रूपये। भारत के बाहर भी शाहरूख निर्विवाद रूप से बादशाह हैं। टॉम क्रूज के मु्काबले शाहरूख खान को ज्यादा लोग जानते हैं। कई विदेशी भारतीय को देख बॉलीवुड या शाहरूख खान ही बोलते हैं। यूरोप, यूएस और खाडी देशों में वे अपार लोकप्रिय हैं। “रॉ-वन” और “जी-वन” को आधार बनाकर शाहरूख खान ने खिलौने, वीडियो गेम, पेंसिल बॉक्स, टिफिन बॉक्स आदि चीजें बाजार में उतारी हैं। इसके लिए उन्होंने सुप्रसिद्ध “होमशॉप18″ से करार किया है, जो “रॉ-वन” से सम्बन्धित इन चीजों का ऑन लाइन विक्रय करेगी। इससे भी शाहरूख खान को पांच करोड रूपये की आय होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसे यदि हम नहीं भी जोडे तो भी भारत के सिनेमाघरों से शाहरूख को सिर्फ दस करोड रूपये कमाना होंगे ताकि उनके द्वारा लगाया गया पैसा वापस उनके पास आ जाए और पहले ही दिन शाहरूख यह हासिल कर लेंगे।
राजस्थान में यह फिल्म कितना व्यवसाय करेगी और इसे कितने सिनेमा हालों में प्रदर्शित किया जा रहा है इसकी जानकारी के लिए जब इस फिल्म के वितरक से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि “रॉ-वन” एक बहुत बडा और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इस फिल्म पर इतना पैसा लगाया है जो इससे पहले किसी फिल्म के लिए नहीं दिया है। अपनी लागत को वसूलने के लिए इस फिल्म को राजस्थान के 138 स्क्रीन्स पर लगाया जा रहा है। उनका कहना था कि जयपुर में इस फिल्म के लिए 18 सिनेमा हालों को लिया गया है जिसमें 30 स्क्रीन पर “रॉ-वन” प्रदर्शित होगी।
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फस्र्ट सिनेमा के टीम हैड भंवर सिंह का कहना था कि हमारे यहां इस फिल्म को दोनों स्क्रीन्स पर प्रदर्शित किया जाएगा। इन दो में से एक पर “रॉ-वन” का 3डी वर्शन होगा, जिसके लिए हाल ही में यूएफओ प्रोजेक्ट लगाया गया है। दर्शकों का रेस्पांस अच्छा मिल रहा है लेकिन उतना नहीं मिल पा रहा है जितना “बॉडीगार्ड” को मिला था। “रॉ-वन” को देखते हुए सिनेमा प्रबन्धकों ने अपने यहां पर टिकट दरों में वृद्धि की है। सामान्य तौर पर प्रदर्शित होने वाली फिल्म की दर 90, 120 और 150 रूपये प्रति टिकट रखने वाला यह सिनेमा रॉ-वन के लिए टिकट दरों में वृद्धि करने जा रहा है। अब यहां पर दर्शकों को 120, 150 और 180 रूपये प्रति टिकट के हिसाब से देना होगा।
आईनोक्स पिंक स्क्वायर के यूनिट हैड अमिताभ का कहना था कि हमारे यहां चार स्क्रीन्स पर इसका प्रदर्शन किया जाएगा। उनका कहना था कि रॉ-वन को प्रदर्शन के दिन पहले दो शो में भी दर्शक मिलेंगे लेकिन उसके बाद के तीन शो में दर्शकों का अकाल सा रहेगा। इसकी वजह यह है कि दीपावली जैसे त्योहार पर दर्शक अपने परिवार के साथ त्योहार का आनन्द लेना चाहेंगे, न कि रॉ-वन को देखने के लिए सिनेमा हॉल आएंगे। हां उसके बाद अर्थात् गुरूवार से जरूर हाउसफुल की उम्मीद है।
दीपावली वाला सप्ताह वर्ष के बेहतरीन सप्ताह में से गिना जाता है। चार से पांच दिन छुटि्टयां रहती हैं। लोग पैसा खर्च करने के मूड में रहते हैं। अब तक शाहरूख की दीपावली पर रिलीज हुई हर फिल्म ने कामयाबी हासिल की है। इस बार पांच दिन लम्बा वीकेण्ड है और एक अनुमान के तहत “रॉ-वन” इन पांच दिनों में 100 करोड रूपये से ज्यादा का व्यवसाय करेगी। इसका मतलब यह है कि फिल्म निर्माता को 50 करोड रूपये से ज्यादा का लाभ होगा, जो कि शुद्ध मुनाफा होगा। लेकिन ऎसा होना मुश्किल है। इसकी सबसे बडी वजह यह है कि जिस दिन यह फिल्म लग रही है उस दिन का व्यवसाय उसे केवल दो शो का ही मिलेगा। इस तरह से पहले दिन जो व्यावसायिक आंकडा आना चाहिए वह नहीं आ पाएगा और यही उसके बॉडीगार्ड के रिकॉर्ड को तोडने में बाधक होगा। इससे एक बात तो तय है कि रॉ-वन प्रथम वीकेण्ड पर 100 करोड या उससे ज्यादा का व्यवसाय नहीं कर पाएगी।
जबकि सलमान खान की बॉडीगार्ड ने ईद पर प्रदर्शित होकर पूरे पांच दिन के वीकेण्ड का व्यवसाय किया था। फिल्म ट्रेड से जुडे लोगों का कहना है कि ईद पर दर्शक बाहर निकलता है, जबकि दीपावली के दिन दर्शक घर में रहता है। इसके बाद भी फिल्म दर्शकों को कितना प्रभावित करती है इस पर निर्भर करता है। अगर फिल्म अपनी गुणवता पर खरी नहीं उतरी तो दर्शकों द्वारा जो प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी वह निश्चित तौर पर इस फिल्म के व्यवसाय को प्रभावित करेगी। दूसरे या तीसरे सप्ताह की कमाई की बात तो नहीं की जा सकती क्योंकि यह फिल्म की गुणवत्ता पर निर्भर है। लेकिन यदि फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं भी आती है तो भी पांच दिन लंबे वीकेण्ड में सिनेमाघर के बाहर हाऊसफुल के बोर्ड नजर आना तय है।
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शाहरूख ने जहां उत्तर भारतीय दर्शकों को देखते हुए अपनी फिल्म में मेहमान कलाकारों की लम्बी भीड को जोडा है वहीं उन्होंने दक्षिण भारत में इस फिल्म को सफल बनाने के लिए हिन्दी के अतिरिक्त तमिल और तेलुगू में भी डब किया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने दक्षिण के सुपर सितारे रजनीकान्त को “रॉ-वन” के साथ जोड कर वहां के दर्शकों को फिल्म देखने के लिए बाध्य कर दिया है। रजनीकान्त दक्षिण में भगवान की भांति पूजे जाते हैं और रजनीकान्त के प्रशंसक उनकी एक झलक को देखने के लिए फिल्म की ओर खींचे चले आते हैं। इससे फिल्म दक्षिण में भी अच्छा व्यवसाय करेगी। इसके अतिरिक्त शाहरूख फिल्म को जर्मन भाषा में भी डब कर प्रदर्शित करने जा रहे हैं, क्योंकि जर्मनी में शाहरूख स्वयं बेहद लोकप्रिय हैं। एक बात तो तय है कि शाहरूख सुरक्षित हैं। फिल्म के ज्यादा नहीं चलने के बावजूद भी यह उनके लिए कमाई का सौदा है, लेकिन सवाल उनकी प्रतिष्ठा है।
पिछले दो-तीन वर्षो में आमिर खान और सलमान खान ने धमाकेदार सफलताएं हासिल की हैं। शाहरूख की फिल्में वैसी कामयाबी हासिल नहीं कर पाई हैं। शाहरूख की पिछली प्रदर्शित फिल्म “माई नेम इज खान” व्यावसायिक स्तर पर असफल करार दे दी गई थी। हालांकि “माई नेम इज खान” ने विदेशों में अच्छा खासा प्रदर्शन किया था। इसलिए शाहरूख का सारा ध्यान भारतीय सिनेमाघरों के व्यवसाय पर है। वे चाहते हैं कि “रॉ-वन” डेढ सौ से दो सौ करोड रूपये का व्यवसाय सिनेमाघरों के जरिये करे ताकि वे अपने चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी आमिर खान और सलमान खान के सामने तनकर खडे हो सकें और कह सकें कि हाँ मैं हूं बादशाह खान।

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