वर्ष 1991 में आई मार-ध़ाड से भरपूर फिल्म "फूल और कांटे" से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत करने वाले अभिनेता अजय देवगन मानते हैं कि अब एक्शन दृश्य आसान होते हैं। वैसे अजय यह भी स्वीकार करते हैं कि वह स्टंट्स के अभ्यास से दूर हैं।
अजय ने में कहा, ""अब एक्शन दृश्य देना आसान हो गया है। पहले हम घायल हो जाते थे, हमारे पैर और हाथ टूट जाते थे। अब बहुत अधिक सुरक्षा और संरक्षण दिया जाता है जिससे इस तरह के दृश्य देना बहुत आसान हो गया है।"" "फूल और कांटे" फिल्म में अजय के मार-ध़ाड के दृश्यों ने दर्शकों को खूब रोमांचित किया था लेकिन अब वह फिर दर्शकों के लिए ऎसे दृश्य देने की कोशिश करने को तैयार नहीं हैं। दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके अजय कहते हैं, ""जब आप ब़डे हो रहे होते हैं तभी अभ्यास की जरूरत होती है। नहीं तो बाद में आपकी मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं। यदि आप अब ऎसा करने की कोशिश करेंगे तो ऎसा नहीं कर सकेंगे। मैं अभ्यास से दूर हूं लेकिन यदि मुझे ऎसा करने को कहा जाय तो मैं इसके लिए दो से तीन महीने का समय लुंगा, क्योंकि मैंने पहले भी ऎसा किया है।
कोई भी 18-20 साल की उम्र में यह शुरूआत नहीं कर सकता।"" अजय कहते हैं कि उनकी पीढ़ी के कलाकार फिल्मोद्योग में आने के बाद अपनी अभिनय क्षमताएं निखारते थे लेकिन आज-कल के कलाकार प्रशिक्षण लेने के बाद बॉलीवुड में आते हैं। उन्होंने कहा, ""युवा कलाकारों के साथ काम करना बहुत अच्छा है। पहले लोग आते थे और फिर अभिनय सीखते थे लेकिन आज की पीढ़ी अभिनय की आधारभूत बातों के प्रति बहुत जागरूक है।
शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा के संपर्क में रहने और टेलीविजन के कारण ऎसा संभव हो सका है।"" इस साल अजय की तीन फिल्में "गोलमान 3", "तूनपुर का सुपरहीरो" और "आक्रोश" प्रदर्शित होनी है जबकि इन दिनों वह मधुर भंडारकर के निर्देशन में बन रही "दिल तो बच्चाा है जी" की शूटिंग कर रहे हैं।
Thursday, August 5, 2010
अब एक्शन दृश्य करना आसान हो गया है : अजय
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Ajay Devgan
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