Thursday, July 23, 2009

सच का सामना या शर्म का सामना

sach ka saamna

सच कडवा होता है। जी हां यह सच है। सच का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं है। कहते है एक सच को छुपाने के लिए सौ झूठ बोले जाते है। ये साबित कर दिया है स्टार प्लस के कार्यक्रम "सच का सामना" ने।

हाल ही में शुरू हुआ कार्यक्रम "सच का सामना" कम समय में सभी के दिलों की घडकनों को बढाए हुए है। इस कार्यक्रम को देखने जो भी टीवी के सामने एक बार जो बैठा उसके दांतो तले उंगली दब ही जाती है। एक होस्ट, एक प्रतिभागी और 21 सवाल। कीमत एक करोड। सच बोलिये, लाखों ले जाइये। "सच का सामाना" कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों के जीवन से जुडे कुद ऎसे सवाल पूछे जाते है जिनका उत्तर सुनने के लिए सभी उत्सुक हो जाते है कि अब क्या होने वाला है। सच का सच या झूठ का झूठ।

इस कार्यक्रम ने वर्षा से पडी रिश्तों की नींव को हिलाकर रख दिया है। ऎसा सच जिससे कई रिश्ते बिखर सकते है। पर सच तो सच ही होता है। उसे एक न दिन तो सामने आना ही है। कोई भी इस कार्यक्रम में झूठ नहीं बोल सकता। कार्यक्रम में पॉलीग्राफ मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। इससे लोगो का झूठ तुरन्त पकड लिया जाता है।

कार्यक्रम के होस्ट राजीव खंडेलवाल प्रतिभागियों से कुद सवाल ऑन एयर पर करते है। यह कुद ऎसे चयनित सवाल है जिससे पहले ही पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान प्रतिभागी से पूछा जा चुका है। एक साक्षात्कार के दौरान राजीव ने बताया कि एक करोड के लिए आपको सच का सामना करना होगा। इसके लिए लोगो को इक्कीस सवालों का जवाब देना होगा। इसी एक करोड पाने के लिए लोग भंवर में फंसते चले जाते है।

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