निर्यात व्यापार में असफलता के बाद संगीत का रूख करने वाले गायक कैलाश खेर कहते हैं कि विवाह और पितृत्व के बाद उनमें विनम्रता आई और वह जीवन में विश्वास करने लगे हैं। खेर की नई एलबम उनके नौ महीने के बेटे कबीर से प्रेरित है।
खेर ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, ""हम अपनी चौथी एलबम पर काम कर रहे हैं और बहुत जल्दी इसके लिए कुछ गीत तैयार करेंगे।"" सैंतीस वर्षीय खेर ने कहा, ""एलबम की आत्मा वही रहेगी लेकिन इस बार मेरे बेटे कबीर की वजह से इसमें नयापन होगा। इस एलबम के लिए वह मेरी प्रेरणा है।"" खेर ने पिछले साल फरवरी में शीतल भान से विवाह किया था। कैलाश मूल रूप से एक कश्मीरी हैं जो बाद में मुम्बई में बस गए। वह कहते हैं, ""इस बार मेरे गीतों में वह भावनात्क परिवर्तन होगा जो मैंने पिता बनने के बाद स्वयं में अनुभव किया।"" उन्होंने कहा कि अब वह काफी विनम्र हो गए हैं। वह कहते हैं, ""मेरे विवाह और फिर बेटे के जन्म के बाद मैंने जीवन में विश्वास करना शुरू कर दिया है। पहले मैं बहुत जल्दी चिढ़ जाता था, मेरे अंदर बहुत गुस्सा था, मैं बहुत आक्रामक था लेकिन विवाह के बाद मेरे अंदर नम्रता और शांत रहने के भाव आ गए हैं।"" खेर ने "अल्लाह के बंदे", "या रब्बा", "चक दे फट्टे" और "कैसे बताएं" जैसे लोकप्रिय गीत दिए हैं। उन्होंने एक राष्ट्रमंडल खेल गीत भी जारी किया है। खेर ने मनोरंजन उद्योग के शीर्ष संगीतकारों ए.आर. रहमान, विशाल-शेखर, शंकर-एहसान-लॉय और सलीम-सुलेमान के साथ काम किया है और उनमें सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने कभी भी संगीत में व्यावसायिक प्रशिक्षण नहीं लिया है। खेर 1999 तक निर्यात व्यापार में थे लेकिन इसमें सफलता न मिलने के बाद वह अवसाद में चले गए थे। बाद में उन्होंने 2002 से संगीत पर काम शुरू कर दिया।
Monday, October 4, 2010
विवाह और पिता बनने के बाद हुआ विनम्र : खेर
Labels:
Bollywood singer,
Kailash-Kher
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment