Saturday, October 22, 2011

नगण्य हुए अनुभव, याद रहते हैं शाहरूख

मुम्बई। वर्तमान समय में जितनी भी फिल्में बडे सितारों को लेकर बन रही हैं उनमें एक समानता देखने को मिल रही है। इन फिल्मों में नामी सितारों के नाम का इतना प्रचार किया जाता है कि अन्य सितारे भुला दिए जाते हैं। बॉडीगार्ड के प्रदर्शन के वक्त हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सलमान खान का नाम चल रहा था। इस तरह से जैसे वे कोई बहुत नामी गिरामी निर्देशक हों, जबकि वास्तविकता यह है इन बडी फिल्मों के निर्देशकों को भुला दिया जाता है। आज भी बॉडीगार्ड के निर्देशक को कोई नहीं याद करता। जबकि बॉडीगार्ड को निर्देशित करने वाला हिन्दी फिल्म में पहली बार अपनी क्षमता दर्शा रहा था।सिद्दीक नामक इस शख्स को बॉडीगार्ड के प्रदर्शन के बाद उसी तरह याद किया गया जैसे किसी निकृष्ट वस्तु को फेंकने के बाद उसे सिर्फ इसलिए याद किया जाता है क्योंकि वह निकृष्ट थी। ऎसा ही हाल इन दिनों शाहरूख खान की तीन दिन बाद प्रदर्शित होने वाली फिल्म “रॉ-वन” के साथ होने जा रहा है। “रॉ-वन” के प्रचार में सिर्फ शाहरूख खान का नाम आ रहा है, लेकिन इसका निर्देशक कौन है यह जानने का प्रयास कोई कर ही नहीं रहा है। वैसे भी अक्सर ऎसा होता है कि दो बडे सितारों की फिल्म में निर्देशक का नाम कहीं गुम हो जाता है।

दीपावली पर प्रदर्शित होने वाली शाहरूख-करीना की फिल्म “रॉ-वन” के निर्देशक अनुभव सिन्हा के साथ भी कुछ ऎसा ही हुआ है। देश की अब तक की सबसे महंगी बनी इस फिल्म के निर्देशक के बारे में कम ही चर्चा हो रही है, वरना इस फिल्म का निर्देशक कोई नया या अनजाना नाम नहीं है। अनगिनत सफल म्यूजिक वीडियो बना चुके अनुभव सिन्हा अब तक “तुम बिन”, “आप मुझे अच्छे लगने लगे”, “दस” और “कैश” जैसी फिल्मों को निर्देशित कर चुके हैं। “रॉ-वन” उनके निर्देशकीय करियर की सबसे बडी फिल्म है।

हाल ही में दिए अपने एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह तो निश्चित था कि रॉ-वन में मेरे नाम का जिक्र नहीं होगा।वजह यह है कि जिस फिल्म में शाहरूख जैसा स्टार हो, उस फिल्म की सारी चर्चा उन पर होना जरूरी है और अगर उस फिल्म के निर्माता भी शाहरूख हैं तो निश्चित तौर पर मीडिया में चर्चा के नाम पर सिर्फ और सिर्फ उनकी चर्चा होगी। जैसे आमिर खान की फिल्म होती है तो सिर्फ आमिर की चर्चा होती है उनके निर्देशक की नहीं। उदाहरण के तौर पर हम उनकी थ्री इडियट को ले सकते हैं। इस फिल्म के प्रदर्शन के वक्त सिर्फ आमिर के नाम को सामने लाया जा रहा था जबकि इसके निर्देशक राजकुमार हिरानी इससे पहले फिल्मउद्योग को दो कालजयी फिल्में मुन्नाभाई के रूप में दे चुके थे। दर्शक उनके नाम पर फिल्म देखने आ सकते थे लेकिन नहीं प्रचार सिर्फ आमिर खान का किया गया था। कमोबेश कुछ ऎसा ही अनुभव सिन्हा के साथ हो रहा है।

हालांकि अनुभव कोई नामी गिरामी निर्देशक नहीं हैं। उनके खाते में एक मात्र सफल फिल्म “तुम बिन” है जिसमें कोई नामी गिरामी सितारे नहीं थे और यह एक म्यूजिक कम्पनी की फिल्म थी जिसने इसके संगीत के बलबूते पर सफलता पाई थी। ऎसी ही एक सफल फिल्म “दस” थी, जिसमें सितारों की बडी फौज थी। इस फिल्म को अपनी तेज गति और एक्शन दृश्यों के लिए याद किया जाता है और उससे भी ज्यादा दर्शक को याद रहता है इसका खलनायक पंकज कपूर जिसने अपनी विलक्षण प्रतिभा से इस किरदार को इस तरह से जीवंत किया कि आज भी दस का जिक्र होते ही वे याद आते हैं। वैसे भी फिल्म के प्रदर्शन के बाद ही निर्देशक की चर्चा ज्यादा होती है। तभी उसके योगदान का सही मूल्यांकन होता है और इसी आधार पर उसे सारे अच्छे मौके मिलते हैं। दस की सफलता के बाद ही शाहरूख खान ने अनुभव सिन्हा से सम्पर्क किया था और उन्हें अपनी फिल्म निर्देशित करने का मौका दिया।

हालांकि “रॉ-वन” के निर्देशन के लिए शाहरूख ने कई बडे नामचीन निर्देशकों के आगे हाथ जोडे थे, जिनमें उनके दो परम मित्र करण जौहर और आदित्य चोपडा भी शामिल हैं, लेकिन सबने हाथ खडे कर दिए थे। अन्त में वे अनुराग सिन्हा के पास गए और इस तरह से दो सौ करोड से ज्यादा लागत की यह फिल्म उन्हें निर्देशित करने का मौका मिला।

हालांकि अनुभव सिन्हा को आज भी म्यूजिक वीडियो के निर्देशक के तौर पर जाना जाता है। “रॉ-वन” के प्रति अनुभव सिन्हा पूरी तरह से सन्तुष्ट नजर आते हैं। उनको पूरा यकीन है कि इस सुपर हीरो वाली फिल्म को भी दर्शक एक यादगार फिल्म बना देंगे। उनका कहना है कि सुपर हीरो वाली फिल्मों में एक विलेन और एक हीरो होता है। ढेरों मसाले होते है। इसका काम मनोरंजन होता है। इस फिल्म में आपको शाहरूख का एक नया रूप देखने को मिलेगा।

No comments:

Post a Comment