ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमलों की घटनाओं के बाद भारत सरकार को अब ख्याल आया है कि देश से बाहर जाने वाले अपने नागरिकों के बारे में उसके पास किसी तरह की जानकारी ही नहीं है। अब प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए एक योजना शुरू की है। इसके तहत विदेश जाने वाले नागरिकों का डेटाबैंक तैयार किया जाएगा, ताकि उनके हालात के बारे में पता लगाया जा सके। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमलों के दौर में मंत्रालय ने पाया कि विदेश गए नागरिकों के सकुशल और सुरक्षित होने का पता लगाने के लिए सरकार के पास कोई डेटाबैंक उपलब्ध नहीं है। अब जो डेटाबैंक बनाया जाएगा, उसकी शुरूआत छात्रों से होगी। इसमें उनका पूरा ब्यौरा होगा। मसलन वे किस शहर में रहने जा रहे हैं, किस संस्थान में पढने जा रहे हैं और कहां काम करेंगे।
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलर रवि ने कहा, यह काफी महत्वपूर्ण योजना है। इसकी सफलता के लिए विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से भी मदद ली जा रही है। वर्तमान में बाहर जाने वालों के बारे में एयरपोेर्ट के इमिग्रेशन काउंटर पर एक अतिरिक्त फार्म दिया जाएगा। छात्र को इ-मेल कर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जाएगा। इस बीच ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से वहां रह रहे भारतीय छात्रों का ब्यौरा मांगा गया है।
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