निर्माता: विवेक सुदर्शन, अशोक चौहान
निर्देशक: राहत काजमी संगीत: नायाब, शादाब भारतीय
कलाकार: ग्रेसी सिंह, सिद्धार्थ कोइराला, रघुवीर यादव, विजय राज, असरानी, वीरेंद्र सक्सेना, अरूण बक्शी
कहानी: "देख भाई देख" कहानी है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहने वाले चार व्यक्तियों की। इन चारों की अलग-अलग समस्याएं और महत्वाकांक्षाएं है। इन्हें पूरा करने के लिए उनके पास चोरी ही एक रास्ता है। बबली(ग्रेसी सिंह) की शादी एक अमीर परिवार में हुई थी, लेकिन टूट गई। तलाक लेकर वह अपने घर वापस आ गई। अपने कडवे अतीत को भूलाकर वह नए सिरे से जिंदगी शुरू करना चाहती है, लेकिन उसे पैसों की जरूरत है। बबली के बचपन का दोस्त श्याम(सिद्धार्थ कोइराला) को एक सरकारी नौकरी मिल रही है। उसके सामने समस्या यह है कि इसके लिए उसे मंत्री को रिश्वत देनी होगी और उसके पास पैसा नही है। वह चोरी करने की एक योजना बनाता है, जिसमें बबली भी शामिल है।
इस योजना में उनके साथ यादव (रघुवीर यादव) नामक नेता भी आ खडा होता है। यादव को चुनाव लडने के लिए पार्टी से टिकट चाहिए और इसके लिए उसे पार्टी फंड में पैसा देना पडेगा। तीनों को पैसे की सख्त जरूरत है, और चोरी ही उनके सामने एकमात्र रास्ता है। उन्हें चोरी करने का कोई अनुभव नही है। वे एक प्रोफेशनल चोर चरण(विजय राज) को यह काम सौंपते है। इसके साथ शुरू होता है हास्यास्पद घटनाओं का सिलसिला और फिल्म खत्म होती है, एक चौंकाने वाले अंत के साथ।
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