सेक्स की सुखद अनुभूती प्रकृति की एक अनुपम देन है। सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति जहां तनमन को संतुष्टि देती है, वहीं मन प्रफल्लित रहने से सौंदर्य में भी निखार आता है। विवाह के बाद आमतौर पर महिलाओ का रूप एकदम से खिल जाता है। आँखों में एक अलग सी चमक आ जाती है।
सेक्स की सुखद अनुभूती प्रकृति की एक अनुपम देन है। सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति जहां तनमन को संतुष्टि देती है, वहीं मन प्रफुल्लित रहने से सौंदर्य में भी निखार आता है। विवाह के बाद आमतौर पर महिलाओ का रूप एकदम से खिल जाता है। आँखों में एक अलग सी चमक आ जाती है। संतुष्टिदायक सेक्स न केवल शारीरिक सुख से जुडा है, बल्कि इसका भावनात्मक पहलू भी अत्यंत महत्तवपूर्ण हैं। जब पुरूष एंव महिला का आपसी शारीरिक संसर्ग होता है,तो महिला में हारमोन का उत्पादन बढ जाता हैं। हारमोन की अघिकता महिलाओं को सेक्स में आक्रामक बनाती है,साथ ही उनमें आत्मविश्वास भी भर देती है।
तनाव से प्रभाव-
सेक्स संबंघो में तन के साथ-साथ मन का समर्पण भी जरूरी है। यदि पत्नी के दिल को पति की किसी बात से चोट पहुंची है, तो सेक्स के लिए उसका तनमन न तो पति को सहयोग दे पाएगा, न ही वह सहवास के दौरान उत्तेजना महसूस कर पाएगी। यही बात पत्नी पर भी लागू होती है। यदि पति किसी बात से तनावग्रस्त है तो इस से पति की यौन क्षमता पर भी नकारात्मक असर पडेगा।
चरम आनंद -
इस्ट्रोजन और टेस्टास्टेरान हारमोन दोनों महिला के अंग में चिकनाहट उत्पन्न करते हैं और सेक्स को चरम आनंद की ओर ले जाते हैं। यह चरम आनंद ही महिला को संतुष्ट एंव खूबसूरत होने का एहसास दिलाता है। यदि महिला के शरीर में इन हारमोन की कमी को जाती है, तो महिला के अंग मे रूखापन आ जाता है। इसके कारण उसे चरम आनंद की प्राप्ति नहीं हो पाती। स्वस्थ सेक्स का संबंघ मानसिक रूप से अघिक जुडा होता हैं। अगर आप सेक्स के दौरान मानसिक रूप से संतुष्ट हैं तो निश्चित रूप से आप के चेहरे पर रौनक एंव आत्मविश्वास झलकेगा।
मन खुश तो तन खुश -
यदि सेक्स से पूर्व आप तन और मन दोनो से पूर्णत: समर्पित हैं तो आप को चरमसुख की प्राप्ति से कोई नहीं रोक सकता। एक संतुष्ट सेक्स दोनो पार्टनर के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है। एक संतुष्ट सेक्स ताजगी भरा एहसास, आत्मिक संतुष्टि एंव ऊर्जा प्रदान करता है, जो आपके सौंदर्य को कई गुना बढा देता है। सेक्स से पूर्व फोरप्ले एवं कल्पनाशीलता सेक्स को और भी उत्तेजक बनाता है। सेक्स में स्पर्श तथा नएनए आसन पति-पत्नी में प्यार व निकटता को बढाते हैं। एक संतुष्ट सेक्स संबंघो को मघुर बनाता है और तन एवं मन को खूबसूरत होने का एहसास दिलाता है।
मिठास फोरप्ले की -
सेक्स को सफल बनाने के लिए संसर्ग के दौरान अपने साथी के मुँह, होंठो गर्दन इत्यादि शारीरिक अंगो की तारीफ करनी चाहिए। यदि मन के भाव एंव नैनो की भाषा पढ कर पति संसर्ग करे तो महिला की नजर में यह पुरूष की मर्दानगी को बढाता हैं। महिलाओको सेक्स में आराम, सुकून एवं फोरप्ले द्वारा दी गई घीमी प्रक्रियाएं बहुत उत्तेजित करती हैं। इससे दोनो मिलकर सेक्स के चरमसुख को प्राप्त कर स्फूर्ति एवं खूबसूरती हासिल कर सकते हैं।
सेक्स प्रकिया एक कुदरती आनंद -
सेक्स एक ऎसी प्रकिया है, जो शारीरिक एवं मानसिक अभिव्यक्ति व्यक्त करने का कुदरती माघ्यम है। जिस व्यक्ति का मन-मस्तिष्क जितना स्वस्थ होगा, उसकी सेक्स अभिव्यक्ति भी उतनी ही आनंदमय होगी। तनाव व चिंता से मुक्त सेक्स से रोम-रोम पुलकित हो उठता है और तन-मन में नई स्फूर्ति एवं खूबसूरती का एहसास होता है।
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