जयपुर के सीतीपुरा स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) डिपो में गुरूवास सायं लगी आग 45 घंटे बाद भी धधक रही है। डिपो क्षेत्र का तपमान 760 डिग्री सेंटीग्रेड पहुंच गया है। इस बीच डिपो टर्मिनल परिसर से शनिवार को तीन और शव बरामद हुए हैं।
इसी के साथ इस हादसे में मृतकों की सख्या बढ़कर आठ पहुंच गई है। जानकार सूत्रों के मुताबिक परिसर में अभी तीन-चार शव और होने चाहिए। आईओसी अधिकारी अब भी अपने दो कर्मचारी लापता बता रहे हैं। इस बीच अप्रत्याशित तापमान बढ़ने के चलते टैंकों के फटने और तेल रिसाव होने की संभावना बढ़ गई है। जिला कलेक्टर कुलदीप रांका ने सवाददाताओं को बताया कि इसके मद्देनजर विशेषज्ञों की सलाह पर प्रशासन ने डिपो के चारों ओर खाई खुदवा दी है, ताकि रिसाव होने की स्थिति में आग का दायरा अधिक क्षेत्र में न फैल सके।
01. IOC टंक में आग लगते हुए!
02. फैलते हुए आग की लपटों के साथ!
03. हॉस्पिटल में घायल मरीज़!
04. पब्लिक में भगदड़ मची!
05. ब्लास्ट के साथ टूटते हुए गाड़ियों के कांच
06. बढती हुए आग की लपटें!
07. बुलाया गया सेना को!
09 कुशल छेम पूछते हुए पूर्व मुख्यमंत्री
10 फायर बिग्रेड आने का कोई फायदा नहीं.
खेतों में मिले डिपो के दस्तावेज
उधर, शनिवार सुबह डिपो से करीब 20 किलोमीटर दूर कुछ गांवों के खेतों में डिपो से संबंधित कई दस्तावेज मिले हैं। इनमें डिपो का आंतरिक नक्शा जैसे महत्वपूर्ण कागजात शामिल हैं। सबसे पहले शनिवार सुबह तितरिया गांवों के लोगों ने वहां सरपंच को खेतों में मिले ये कागजात लेकर सौंपे। सरपंच की सूचना पुलिस, जिला प्रशासन और आईओसी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस बीच मोहनपुरा, कृष्णपुरा आदि कुछ और गांवो में भी डिपो के कागजात बिखरे होने की जानकारी मिली। पुलिस ने बाद में सभी जगह के कागजात को एकत्रित करवाए। आईओसी अधिकारियों ने उन्हें देखने के बाद बताया कि इनमें से कोई भी महत्वपूर्ण कागजात नहीं हैं। पुलिस महानिरीक्षक बी.एल. सोनी ने बताया कि जिस हालत में ये कागज मिले हैं उससे लगता है कि विस्फोट के कारण ये उ़डकर वहां तक पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वहां डिपो के और भी अवशेष मिले हैं। उन्होंने किसी भी साजिश की संभावना से इनकार किया है।
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