निर्देशक: सुपर्ण वर्मा
संगीत: समीर टंडन, मानसी स्कॉट, गौरव दासगुप्ता, बप्पा लाहिरी, रंजीत बारोट
कलाकार: डिनो मोरिया, दिया मिर्जा, फरदीन खान, इरफान खान, आफताब शिवदासानी, डैनी, मनोज बाजपेयी
निर्माता-निर्देशक संजय गुप्ता स्टाइलिश और एक्शन फिल्म बनाने के लिए जाने जाते है। उनकी ताजा फिल्म "एसिड फैक्ट्री" का हालांकि उन्होंने निर्देशन नहीं किया है, लेकिन उनकी छाप फिल्म पर नजर आ रही है। निर्देशक सुपर्ण वर्मा की फिल्म "एसिड फैक्ट्री" की कहानी याददाश्त पर आधारित है। याददाश्त ही हमारी भावनाओं का स्त्रोत है। अपराध का भी यह स्त्रोत है। सोचिए कि एक हत्यारा उस सुबह कैसा महसूस करेगा, जब उसकी याददाश्त चली जाए। क्या वह अपराध करना जारी रखेगा। या एक मासूम व्यक्ति की याददाश्त चली जाए और उसे बताया जाए कि वह हत्यारा है, तो क्या वह वैसा ही व्यवहार करेगा। याददाश्त चले जाने से व्यक्तित्व बदल सकता है। "एसिड फैक्ट्री" उन लोगों की कहानी है, जिनकी याददाश्त उनसे छिन ली गई है। उन्हें ऎसा लग रहा है जैसे वे लंबी नींद से जागे हो। वे अपनी वास्तविकता को तलाश रहे है, जो सिर्फ उनके दिमाग की उपज है।
Friday, October 9, 2009
वास्तविकता की तलाश:एसिड फैक्ट्री
निर्माता: संजय गुप्ता
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