निर्माता: करण जौहर, हीरू जौहर
निर्देशक: सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा
संगीत: शंकर एहसान लॉय
कलाकार: काजोल, करीना कपूर, अर्जुन रामपाल, अंचल मुंजाल, नोमिनाथ, दिव्या
इस समय फिल्म देखने वालों में युवा वर्ग का प्रतिशत बहुत ज्यादा है, जो इस तरह की ड्रामेबाजी पसंद नहीं करता। फैमिली ड्रामा पसंद करने वालों को टीवी पर ही बहुत मसाला मिल रहा है। इसलिए फैमिली फिल्में बनना लगभग बंद हो गई है।
अरसे बाद निर्माता-निर्देशक करण जौहर फैमिली फिल्म वी आर फैमिली लेकर आए है। यह हॉलीवुड फिल्म स्टेपमॉम पर आधारित है। इसमें जूलिया रॉबर्टस और सुसैन सरैनडन ने भूमिकाएं निभाई थी। वैसे देखा जाए तो वी आर फैमिली की कहानी करीना व काजोल के आस-पास ही घूमती है। अर्जुन रामपाल का रोल जितना भी था वो उसमें सफल साबित हुए है। लेकिन करीना व काजोल की एक्टिंग लाजवाब है। तीन बच्चों की परफेक्ट मदर के रूप में काजोल ने माया के पात्र को अपने दमदार अभिनय से जीवंत कर दिखाया है। इस सब्जेक्ट पर बॉलीवुड में पहले भी फिल्में बन चुकी है, लेकिन इस बार कहानी भारत के बजाय विदेश में बसी एक इंडियन फैमिली की है।
कहानी: अमन (अर्जुन रामपाल) और माया (काजोल) के तीन बच्चे है और दोनों में तलाक हो चुका है। बच्चे माया के साथ रहते है जो कि परफेक्ट मॉम है। श्रेया (करीना कपूर) अब अमन की जिंदगी में आ चुकी है। श्रेया को अमन अपने बच्चों से मिलवाने ले जाता है, जो उसे नापसंद करते है। वे इस बात से नाराज है कि उनके डैड उससे शादी कर लेंगे। श्रेया को माया भी खास तवज्जो नहीं देती है। एक दिन माया को पता चलता है कि उसे घातक बीमारी है। वह ज्यादा दिन की मेहमान नहीं है। बच्चों को मां की जरूरत है। वह चाहती है कि श्रेया उसकी जगह ले, लेकिन श्रेया को अपने करियर से प्यार है। आखिर श्रेया तैयार होती है और किस तरह से वह बच्चों के दिल में जगह बनाती है यह फिल्म का सार है।
इतने गंभीर विषय को निर्देशक काफी सरलता से और बहुत ही हलके-फुलके ढंग से लेकर आगे चले है, लेकिन इसके बावजूद फिल्म और उसकी कहानी में संवेदनशीलता पूरी तरह से कायम रहती है। फिल्म का संगीत कुछ खास ध्यान नहीं खींचता और वह भी तब जब यह फिल्म धर्मा प्रोडक्शन की है, जिसका संगीत उसकी फिल्मों की जान होता है। बतौर निर्देशक सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा की यह पहली फिल्म है जिसमें वो काफी हद तक सफल रहे। फिल्म में कुछ कमजोर सीन भी है। फिल्म में संगीत शंकर-एहसान-लॉय का है।
माया के किरदार में काजोल शुरू से आखिर तक हर किसी पर सौ फीसदी हावी है। श्रेया की भूमिका में करीना ने बेशक मेहनत की है, लेकिन अपने पात्र में वह कुछ ज्यादा लाउड हो जाती है। इन दो महिला पात्रों के इर्दगिर्द घूमती कहानी में अर्जुन रामपाल के करने के लिए कुछ खास नहीं था। इसके बावजूद अर्जुन निराश नहीं करते। वहीं बाल कलाकार आंचल मुंजाल, नोमिनाथ और दिव्या अपनी भूमिकाओं में जमे है।
कुल मिलाकर फिल्म देखने लायक है। फिल्म में काजोल और करीना की एक्टिंग को देखने के लिए आप फिल्म देख सकते है।
Saturday, September 4, 2010
भावनात्मक रिश्तों की कहानी: वी आर फैमिली
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