कलाकार: आफताब शिवदासानी, आमना शरीफ, रति अगि्नहोत्री, जॉनी लीवर
समीक्षा: इंडस्ट्री के कई स्टार अपनी फिल्म कंपनी बना चुके हैं। अब इस रेस में आफताब शिवदासानी भी शामिल हो गए हैं। इस हफ्ते रिलीज हुई अपने बैनर की पहली फिल्म के लिए आफताब ने खुद ऎक्टिंग की हैं। आफताब ने सब्जेक्ट ऎसा चुना है कि उनके अपोजिट किसी दूसरे स्टार की गुजाइंश ही नहीं थीं। यहीं वजह है कि पूरी फिल्म आफताब या फिर उनके बचपन का रोल निभा रहे मास्टर रिषभ शर्मा के आसपास घूमती हैं
। आफताब को इस बात के लिए बधाई देनी होगी कि उन्होंने अपनी कंपनी की पहली फिल्म के लिए ऎसा सब्जेक्ट चुना जिस पर इंडस्ट्री के दिग्गज बैनर भी फिल्म बनाने से कतराते हैं। भले ही बॉलीवुड का हर बडा निर्माता सेमिनारों या मीडिया में दिए अपने बयानों में बच्चों पर साफ सुथरी फिल्म बनाने की वकालत करता हो, लेकिन जब फिल्म बनाने की बात आए तो कोई आगे नहीं आता। ऎसे में आफताब की पूरी फिल्म दो बच्चों बोनी रोहन शाह और मिकी मास्टर रिषभ शर्मा और यंग आफताब के आसपास घूमती हैं। 12 साल के मिकी की जिंदगी किसी परी कथा से कम नहीं। शिमला में अपने माता-पिता और बहन के साथ अपनी छोटी सी दुनिया में मस्त मिकी को जब पता चलता है कि वह अनाथ है और उसे गोद लिया है तो उसके सपनो की दुनिया बिखर जाती हैं। वहीं मिकी मितिका (आमना शरीफ) को दूर से देखकर एक दिन अपनी दोस्त बनाने का सपना देख रहा हैं, जबकि वह उसे बच्चा समझती हैं। ऎसे में बुरी तरह से टूट चुके मिकी को संभालता है हिचक्रॉक (जॉनी लीवर)। वह उसे समझाता है कि अगर अपनी सबसे प्यारी चीजें वहां मौजूद एक प्राचीन कुएं में डालकर सच्चे दिल विश मांगे तो वह पूरी होगी।
मिकी यही करता है और विश करता है कि वह बच्चे से बडा आदमी बन जाए। अगले ही दिन चमत्कार होता है जब 12 साल का मिकी 24 साल का यंगस्टर बन जाता हैं। अब उसे अपनी एंजल दोस्त मितिका का साथ मिलता हैं और वह फैमिली की मुश्किलों को भी आसान करता हैं। लेकिन ऎसा हमेशा रहने वाला नहीं, क्योंकि मिकी की विश पूरी होने के साथ एक शर्त भी जुडी है जिसके टूटते ही वह फिर 12 साल का मिकी बन जाएगा।
पहली ही फिल्म में आफताब ने यह साबित करने की कोशिश की है कि वह उन प्रड्यूसर्स में से नहीं हैं, जो फिल्में बनाने में पानी की तरह पैसा बहाते हैं। शायद यही वजह है कि आफताब ने अपनी खास फ्रेंड आमना शरीफ को चुना। फिल्म की शूटिंग सिर्फ दो या तीन लोकेशंस पर हुई। पूरी फिल्म में एक भी बडा सेट या महंगे कॉस्ट्यूम नजर नहीं आए। फिल्म में रति और जॉनी लीवर के सीन्स को भी एक ही लोकेशन के आसपास तीन चार दिन की शूटिंग में निबटा लिया गया। पूरी फिल्म में जॉनी लीवर एक-दो पोशाक ही बदलते हैं। खुद आफताब भी सिंपल सी ड्रेस पहनें नजर आए।
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