Friday, December 4, 2009

नहीं चला रेडियो का जादू

Radio निर्देशक : ईशान त्रिवेदी
कलाकार : हिमेश रेशमिया, सोनल सहगल, शहनाज ट्रेजरीवाला और परेश रावल

हिमेश रेशमिया की फिल्म "रेडियो" में कोई कहानी नहीं है संयोग ये कई उलझे हुए दृश्यों का गुच्छा लगती है। या यू कहा जाए कि इस फिल्म मे जटिलता से ज्यादा कुछ नहीं है। फिल्म में हिमेश रेशमिया तलाकशुदा विवान के किरदार में है जो रेडियो जॉकी है। जिसकी खूबसूरत सहयोगी सानिया (शहनाज ट्रेजरीवाला) है। अपनी पहली पत्नी पूजा (सोनल सहगल) से तलाक के बाद दोनों अच्छे दोस्त बने जाते है। फिल्म के पूरे दो घंटे ये तीनों अपनी जिंदगी के बारे जानने की कोशिश करते है। विवान (हिमेश) अपने काम में व्यस्त रहता है और थोडे-थोडे समय में एक गीत पेश कर देता है और थोडे-थोडे समय मेें एक गीत पेश कर देता है और उनकी सहयोगी सानिया (शहनाज) सामाजिक मेलजोल वेबसाइट फेसबुक पर अपना समय बिताती है तथा पूजा (सोनल) दिन भर अपना समय काफी हाउस में काफी की चुस्कियों में बिताती है। यदि आप फिल्म "कर्ज" के गानों की तरह इस फिल्म में हिमेश के गाना सुनने और देखने को सोचकर फिल्म देखने जाना चाहते है तो फिर रूक जाइए। फिल्म में इस बार हिमेश का संगीत भी कोई काम नहीं आएगा। खैर फिल्म मे हिमेश एक अलग अवतार में नजर आएंगे और हो सकता है कि हिमेश का यह अवतार आपको प्रभावित करेंगा। फिल्म युवा पीढी को लक्ष्य में रखकर बनाई गई है लेकिन टीम युवाओं को प्रभावित करने में असफल रहेगी। फिल्म "रेडियो" की टीम ने फिल्म "दिल तो पागल", "वेक अप सिड" और "लव आजकल" की नकल करने की कोशिश की है। लेकिन इसके बावजूद फिल्म "रेडियो" में न तो मेट्रो के युवाओं की परिपक्वता और न ही फिल्म "जाने तू या जाने ना" की तरफ मासूमियत है। फिल्म में अभिनेत्री सोनल जहां खूबसूरत लग रही है लेकिन उसके चेहरे पर उदासी छाई हुई नजर आएंगी वहीं दूसरी और अभिनेी शहनाज बिना किसी कारण के मुस्कूराते हुए दिखेगी। फिल्म में दोनों सुंदरियां भ्रमित सी लगेगी। फिल्म में विवान (हिमेश) की जिंदगी देवदास की तरह है तथा दोनों अभिनेत्रियों आधुनिक समय की पारो और चंद्रमुखी की तरह लगी।

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